दांतों में दर्द होने का मुख्य कारण है दांतों में क्षय या सडन। दांतों में क्षय जीवाणुओं के कारण होता है जो मुँह में शर्करा युक्त भोजन और स्टार्च युक्त भोजन से पनपते हैं। इन जीवाणु द्वारा उत्पन्न अम्ल से ही दांतों का क्षय होता है। दांतों के दर्द से निजात पाने के कई उपाय हैं पर अत्यधिक संक्रमण होने पर आपको डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए। इसके अलावा दांतों के दर्द के उपचार भी आप घर बैठे ही कर सकते हैं, अगर दांतों की समस्या सामान्य हो तो दांत दर्द और दांत के रोग का इलाज कुछ प्राकृतिक तरीके से भी किया जा सकता है जिसके बहुत प्रभावी परिणाम भी प्राप्त होते हैं, लेकिन अगर इनमें से कुछ लक्षण यदि गंभीर या लम्बे समय तक बने हुए हों तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें,
दांत दर्द के कारण (Causes)
- कैविटी (Cavities)
- दांतों की जड़ का दिखना।
- दांतों में दरार आ जाना।
- मसूड़ों की बीमारी।
- दांतों की फिलिंग (filling) का ढीला पड़ना।
- जबड़ों के जोड़ों की परेशानी।
लक्षण (Symptoms)
- दांतों के गूदे में जलन और सूजन।
- दांतों का आपस में घिसना।
- साइनस (sinus) का दबाव।
- एनजाइना (angina)
- दांतों के इनेमल (enamel) का घिस जाना।
- पीरियोडोन्टाइटिस (periodontitis)
- टेम्पोरोमांडीबुलर जॉइंट डिसॉर्डर (temporomandibular joint disorder)
- दिल का दौरा पड़ना।
दांतों के दर्द के उपचार (Toothache remedies in Hindi/dant dard ka gharelu upay)
लौंग (Cloves)
दांतों के दर्द के उपचार, अपनी अंगुलि से एक बूँद लौंग का तेल दाँत के दर्द वाले हिस्से पर लगा लीजिये यह उस जगह को सुन्न करके दर्द को समाप्त कर देगा। इसमें एक प्रकार का निश्चेतक इयुजिनोल होता है जो दर्द की संवेदना को समाप्त कर देता है। शुरुआत में इस तेल का असर असहनीय होता है पर अपना असर दिखाने के बाद सुखद अनुभव होता है। लौंग के तेल के स्थान पर2-3 लौंग सीधे भी चबाई जा सकती हैं।
अदरक का पाउडर (Ginger powder)
दांतों के दर्द के लिए अदरक का पाउडर और लाल मिर्च पाउडर को आधा-आधा चम्मच लेकर पानी के साथ पेस्ट बना लें। रुई का एक फुहा लेकर उसमें ये पेस्ट लगा लें और इसे दर्द वाले स्थान पर रख कर कुछ समय के लिये छोड़ दें। जल्द आराम मिलेगा।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen peroxide)
दांतों के दर्द के उपचार, हाइड्रोजन पेरोक्साइड की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर इस घोल को दर्द वाले स्थान पर लगा लें इससे तुरंत आराम मिलेगा। दांत के दर्द के साथ अगर बुखार और मुँह में दुर्गन्ध भी है तो इसका कारण संक्रमण हो सकता है, ऐसी स्थिति में आपको चिकित्सक को दिखाना चाहिए। हालाँकि हाइड्रोजन पेरोक्साइड से आपको कुछ समय के लिए आराम मिल सकता है।
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बर्फ का टुकड़ा (Ice cube)
दांतों के दर्द का इलाज, दांत दर्द का कारण (Dant dard ka karan) जो भी हो लेकिन बर्फ की सिंकाई से इसमें बहुत राहत मिलती है. बर्फ को एक प्लास्टिक बैग में रखकर ऊपर से कपड़ा लपेट दें और इसे 10-15 मिनट तक दर्द वाले स्थान पर रखें। यह तंत्रिकाओं को सुन्न करके दर्द से निजात दिलाता है।
टी बैग (Tea bag)
दांतों के दर्द के उपचार, अस्थाई रूप से सूजन और दर्द से निजात पाने के लिए एक गर्म काले टी बैग का उपयोग कीजिये दांत के दर्द का प्राकृतिक उपचार में इससे आपको आराम मिलेगा।
दांटूथपेस्ट और टूथब्रश को बदलना (Switch the toothpaste and brush)
दांतों के दर्द के लिए अपने ब्रश और पेस्ट पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। अपने टूथब्रश को इसी मुलायम टूथब्रश से बदल लीजिये इससे मसूड़ों का ह्रास नहीं होगा और अपने टूथपेस्ट को ऐसे टूथपेस्ट से बदल लीजिये जो विशिष्ट रूप से संवेदनशील दांतों के लिए बने होते है| इनसे आपको दर्द से निजात मिलेगा।
वैनिला सत्व (Vanilla extract)
दांतों के दर्द का इलाज, रुई का टुकड़ा लेकर इसे वैनिला सत्व में भिगो लें और दर्द वाले स्थान पर लगा लें। वैनिला सत्व के स्थान पर पेपरमिंट, बादाम पेस्ट और नीबू का भी उपयोग किया जा सकता है।
टी ट्री तेल (Tea tree oil)
दांतों के दर्द का इलाज, कुछ बूँद टी ट्री तेल लेकर इसे दर्द वाले स्थान पर लगा लें। इसे पानी में मिलाकर भी लगा सकते हैं।
पुदीने की चाय के बैग्स (Pepper tea bags)
गीले और प्रयोग में लाए जा चुके टी बैग्स का इस्तेमाल संवेदनशील त्वचा को राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। पुदीने में ठीक लौंग की ही तरह मुंह के अंदरूनी भाग को सुन्न करने के गुण होते हैं। दर्द का निवारण करने में यह काफी बड़ी भूमिका निभाता है। पुदीने की चाय के बैग का इस्तेमाल करने के लिए दर्द और सूजन वाले प्रभावित भाग पर प्रयोग में लाए जा चुके चाय के ठन्डे बैग का प्रयोग करें। वैकल्पिक तौर पर चाय के बैग्स को फ्रिज (fridge) में कुछ मिनटों के लिए रख दें। इसका प्रयोग अपने दांतों पर करें और टी बैग को कम से कम 20 मिनट तक के लिए रखें। ऐसा कई शोधों में साबित हो चुका है कि चाय के बैग्स दर्द को काफी हद तक कम कर देते हैं। हालांकि यह कोई स्थाई उपचार नहीं है, क्योंकि चाय के बैग को प्रभावित भाग पर से हटाने के साथ ही दर्द भी दोबारा से वापस आ जाता है। फिर भी इस आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग आप अपने दर्द में काफी प्रभावी रूप से कमी लाने के लिए अवश्य कर सकते हैं।
नमक के पानी (Salt water)
नमक के पानी में सफाई करने के गुण होते हैं, अतः प्रभावित भाग के ऊपर की गन्दगी को कई बार नमक के पानी से साफ़ किया जाता है। यह दांतों पर जमे मैल को पूरी तरह दूर करता है और आपको अस्थाई रूप से, पर प्रभावी राहत प्रदान करता है। दांतों के दर्द के लिए अपने मुंह में नमक के पानी या सेलाइन (saline) के मिश्रण को 30 सेकंड तक डालकर रखें तथा इससे कुल्ला करें। इस प्रक्रिया को एक या दो बार दोहराएं। नमक के सफाई करने वाले तत्व खतरनाक बैक्टीरिया (bacteria) और पस (pus) को हटाने में आपकी सहायता करते हैं। नमक के पानी से कुल्ला करने पर आपको कोई स्थाई उपचार प्राप्त नहीं होता है। यह दांतों के दर्द को कम करने का काफी प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। यह आपके मुंह और दांतों पर प्रयोग किये जा सकने वाले सबसे सुरक्षित उत्पादों में से एक माना जाता है।