आजकल हमारा झुकाव डिब्बाबंद एवं फ़ास्ट फ़ूड ( fast food) की ओर अधिक हो गया है, जिसके फलस्वरूप हमने कई बीमारियों को भी दावत दे दी है। इनमें से एक बीमारी मधुमेह है। इसके होने का कारण हमारे शरीर में चीनी के स्तर का काफी बढ़ जाना होता है। इस लेख में हम मधुमेह के कुछ प्राकृतिक आयुर्वेदिक पूरक पदार्थों के बारे में बात करेंगे। मधुमेह से पीड़ित मरीज़ की अन्य बीमारियों से ग्रस्त होने की भी काफी संभावना होती है। मरीज़ नसों के फूलने, रक्तचाप के बढ़ने, दिल की बीमारी आदि समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं।
नीचे मधुमेह के इलाज के लिए कुछ प्राकृतिक आयुर्वेदिक पूरक पदार्थों की सूची दी गयी है।
जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema Sylvestre)
जिमनेमा एक झाड़ियों जैसा छोटा पौधा होता है जो भारत एवं अफ्रीका में काफी मात्रा में पैदा होता है। जिम्नेमा का आयुर्वेदिक औषधियों के क्षेत्र में काफी लंबा इतिहास रहा है। जिम्नेमा का प्रमुख प्रयोग सुगर (sugar) के विरुद्ध होता है। वर्तमान चिकित्सकीय विज्ञान में जिमनेमा का प्रयोग मधुमेह, वज़न की समस्याओं एवं खांसी से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए किया जाता है। जिमनेमा का मुख्य कार्य अग्नयाशय की कोशिकाओं के विकास की दर बढ़ाकर आपके शरीर से चीनी की मात्रा कम करना है।
इन्सुलिन (insulin) कोशिकाओं, जिनकी वजह से शरीर में चीनी की मात्रा का उत्पादन बंद होता है, का निर्माण अग्नयाशय में होता है। इस प्रकार से जिमनेमा मधुमेह के लक्षणों को कम करने में काफी मददगार साबित होता है। जिमनेमा की खुराक डॉक्टर से सलाह करने के बाद ही लेनी चाहिए क्योंकि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि जिमनेमा की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए।
बोरेज ऑइल, गामा-लिनोलेनिक एसिड (Borage oil, Gamma-Linolenic acid)
गामा लिनोलेनिक एसिड का सबसे पहले उत्पादन इवनिंग प्रिमरोज़ (evening primrose) के तेल से किया गया था। यह जड़ीबूटी सबसे पहले अमेरिका में उगाई गयी थी। स्थानीय अमेरिकी इसका प्रयोग शरीर की सूजन दूर करने के लिए किया करते थे। जीएलए का प्रयोग कई बीमारियों जैसे जोड़ों के दर्द, उच्च कोलेस्ट्रोल (cholesterol), तनाव, मधुमेह के फलस्वरूप स्नायुओं में हुए दर्द आदि के इलाज के लिए किया जाता है। गामा लिनोलेनिक एसिड मधुमेह के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि यह सूजी हुई नसों पर काम करके मरीजों के दर्द को कम करता है। टाइप 1 एवं टाइप 2 मधुमेह नसों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। गामा-लिनोलेनिक एसिड उस दर्द को कम करते हैं एवं नसों की क्षति होने से रोकते हैं।
अल्फा-लिपोइक एसिड (Alpha-Lipoic acid)
इसे लिपोइक एसिड या थिओक्टिक एसिड भी कहते हैं एवं ये शरीर के कसरती बने रहने में काफी सहायता करते हैं। अल्फा लिपोइक एसिड्स का प्रयोग एंटीऑक्सीडेंटस के रूप में काफी मात्रा में किया जाता है। हमारा शरीर भी अल्फा लिपोइक एसिड्स का उत्पादन करता है, परन्तु कई बार कुछ कारणों से हमारा शरीर आवश्यक अल्फा लिपोइक एसिड्स का उत्पादन नहीं कर पाता। इस कमी को पूरक पदार्थ लेकर पूरा किया जा सकता है। यह मधुमेह से ग्रस्त मरीजों के लिए काफी सहायक साबित होता है। यह मधुमेह से जुड़े कई लक्षणों को कम करता है। यह काफी हद तक रक्त में चीनी की मात्रा को कम करता है। अल्फा लिपोइक एसिड्स मधुमेह के फलस्वरूप स्नायु में हुए दर्द को दूर करने में सहायता करता है। यह मरीज़ के हाथ एवं पैरों में हो रहे दर्द को भी कम करने में सहायता करता है।
जिनसेंग (Ginseng)
जिनसेंग एक ऐसी जड़ीबूटी है जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभप्रद होती है एवं जिसका हमपर कोई नुकसानदायक प्रभाव नहीं पड़ता। यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं स्वास्थ्यकर है। जिनसेंग परिवार में लाल जिनसेंग का प्रयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है। लाल जिन्सेंग वह जिनसेंग है जिसका निर्माण 6 वर्षों तक जिनसेंग की कटाई करके एवं इसे सुखाने के बाद छीलकर किया जाता है। जिनसेंग मुख्य रूप से चीन में पाया जाता है तथा मरीज़ीं में मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने में काफी सहायता करता है। इसका प्रयोग टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है। जिनसेंग शरीर की इन्सुलिन (insulin) प्रतिरोधक क्षमता पर काम करता है। यह हमारे शरीर में प्रभावी रूप से इन्सुलिन का संचार करता है तथा शरीर में चीनी के स्तर को नियंत्रित करता है।